Wednesday, February 27, 2013

किसी की आँखों की नमी लिख रहा हूं......


कहीं पढ़ा था और मुझे बहुत अच्छी लगी थी ,पर वहाँ इसके शायर का नाम नहीं लिखा था इसलिए नाम नहीं दे पा रही हूँ । अगर किसी को पता हो तो कृप्या बता दें जिससे मैं नाम भी लिख सकूँ और श्रेय उचित व्यक्ति को मिल सके .......

किसी की आँखों की नमी लिख रहा हूं
बेजान उन अश्कों की गमी लिख रहा हूं

खिलते नहीं हैं फूल अब इस गुलशन में
अपने नाम कुछ बंजर ज़मीं लिख रहा हूं

मिलने को मिल जाये कायनात सारी
तू जो नहीं है,तेरी कमी लिख रहा हूं.....


बेजान उन अश्कों की गमी लिख रहा हूं
अपने नाम कुछ बंजर ज़मीं लिख रहा हूं 

                                        -अज्ञात