अल्लाह अगर तौफ़ीक न दे इंसान के बस का काम नहीं
फ़ैज़ाने - मोहब्बत१ आम सही , इर्फ़ाने - मोहब्बत२ आम नहीं
ये तूने कहा क्या ऐ नादां , फ़ैयाज़ी - ऐ - क़ुदरत३ आम नहीं
तू फिक्रो - नज़र४ तो पैदा कर , क्या चीज़ है जो इनाम नहीं
यारब ये मुक़ाम-ऐ-इश्क़ है क्या ?गो दीदा-ओ-दिल५ नाकाम नहीं
तस्कीन है और तस्कीन नहीं , आराम है और आराम नहीं
आना है जो बज्मे - जानां६ में , पिन्दारे - ख़ुदी को७ तोड़ के आ
ऐ होशो - ख़िरद के८ दीवाने , यां होशो - ख़िरद का काम नहीं
इश्क़ और गवारा ख़ुद कर ले बेशर्त शिकस्ते - फाश९ अपनी
दिल की भी कुछ उनके साज़िश है ,तन्हा ये नज़र का काम नहीं
सब जिसको असीरी१० कहते हैं , वो तो है असीरी ही लेकिन
वो कौन सी आज़ादी है जहां , जो आप ख़ुद अपना दाम११ नहीं
-जिगर मुरादाबादी
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१ :प्रेम की उदारता
२ :प्रेम की पहचान
३ :प्रकृति की उदारता
४ :चिन्तन और परख
५ :दृष्टि और दिल
६ :प्रेयसी की महफ़िल
७ :अहंकार
८ :बुद्धि के
९ :पराजय
१० :क़ैद
११ :जाल
bhaut accchi gazal...
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